Friday 22 April 2011

आँखे


तेरी आँखे , मेरी आँखे , सबकी आँखे सूनी है,

किसी का आँचल मिल जाए तो रातें जग जग रोनी है ।
एक अकेला मैं ही नहीं, हैं जाने कितने और यहाँ,

कुछ गम के, कुछ ख़ुशी के आंसू जिनकी आँखे रोनी हैं।


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