इतनी भीड मे भी तन्हा हू मै,
देख तेरे बगैर कितना तन्हा हू मै.
अब तो ये जानना भी मुश्किल है,
मै हू यहाँ, पर कहाँ हू मै.
देख तेरे बगैर कितना तन्हा हू मै.
अब तो ये जानना भी मुश्किल है,
मै हू यहाँ, पर कहाँ हू मै.
सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र रास्तों के काँटे अपने अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...
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ReplyDeleteबहुत बढ़िया शेर लिखा है आपने!
ReplyDeleteहार्दिक आभार
ReplyDeletesimply great ..
ReplyDelete....ला-जवाब" जबर्दस्त!!
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