Friday 13 September 2013

बहुत अदना सा रह गया है इंसान

बहुत अदना सा रह गया है इंसान
तुम्हारे अल्लाह और तुम्हारे भगवान के आगे
उसे मरना पड़ता है
कभी तुम्हारे अल्लाह के नाम पर
कभी तुम्हारे भगवान के नाम पर
और जब कोई कहता है
कि तुम मार दो अपने अल्लाह को
और तुम भी मार दो अपने भगवान को
जिसे एक इंसान ने पैदा किया था
तो तुम दोनों मिलकर मार देते हो उस इंसान को
क्यों की खुद इंसान होकर भी
तुम्हे लगता है तुम्हारा अल्लाह बड़ा है
तुम्हारा भगवान बड़ा है.

Monday 9 September 2013

देहिये के भेद न जाने इ देहिया



गईया बछरुआ मोहे मन भाए ...
कि जाने कौने माटी से बनल ई देहिया ...
जबे हम सोची इहे मन आवे ...
जाने कौने माटी मे मिलि जाई देहिया ...
तानिको न भाए मोहे ई दुनिया ..
भागी के जाई तो जाई कहाँ देहिया ....
जाने कइसन आतमा कइसन परमातमा ..
देहिये के भेद ही न जाने इ देहिया ... 

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...