Thursday 28 March 2013

गम की धूप, छाँव खुशी की मिली होती


गम की धूप, छाँव खुशी की मिली होती;
थोड़ा आसमान थोड़ी ज़मीन मिली होती.

कहाँ माँगता हूँ,चाँद मिले आँचल में;
चाहतें थी थोड़ी रोशनी मिली होती.

दौड़ता भागता रहा जिंदगी के लिए;
दौड़ते भागते ही जिंदगी मिली होती.

तुम से बेहतर यक़ीनन कोई  ख़याल न था;
हक़ीकत में भी अगर तुम कहीं मिली होती.

अमीरी भी 'मुसाफिर' को मिल गयी होती;
मुसाफ़िरी जो कहीं फकीरों की मिली होती.

Tuesday 26 March 2013

शुभ होली
















हंस हंस के
फिर हँसी ठिठोली

उड़ी गुलाल
रंग भी घोली

चिल्ला के
बच्चों की टोली

बोली ज़ोर से
फिर ये बोली

बचना मना
न दो अब गोली

रंग पड़ेगा तब बोलेंगे
शुभ होली-शुभ होली

रंगरेजवा

मोरे रंगरेजवा 
तोरे बिना होली बेकार रे!

गूलर जइसन लाल,
कनेरवा जइसन पीयर,
कई दे मनवा हरियर पीयर,
तोरे बिन सब रंगवा भईल बेकार!
मोरे रंगरेजवा 
तोरे बिना होली बेकार रे!

तन तो रंगाई,
मोरा मन न रंगाई,
मन के रंगाए बिना,
सब बेकार रे!
मोरे रंगरेजवा 
तोरे बिना होली बेकार रे!

नील ई आकाशवा,
हरियर धरतिया,
तोहरे ही रंग मे गईल सब रंगाई रे!
मोरे रंगरेजवा 
तोरे बिना होली बेकार रे!

सांवर भय तो जाईसे किशन के लेखिन,
मन रंग दे कि जैसे उजियार रे!
मोरे रंगरेजवा 
तोरे बिना होली बेकार रे!

Wednesday 13 March 2013

सोचता हूँ आया था क्या ले कर

सोचता हूँ आया था क्या ले कर;
जाऊंगा जहाँ को मैं क्या दे कर.

मिलने का अंदाज अलग होता है;
लोग वो मिलते है फासला ले कर.

शाम ढलती है मैं भी ढलता हूँ;
फिर सम्हलता हूँ हौसला ले कर.

दुनिया में इंसान वो भी होते हैं;
खुश होते है दर्द किसी का ले कर.

जब दर्द सीने का हद से पार हुआ;
ज़मीन आती है ज़लज़ला ले कर.

तुम 'मुसाफिर',ये जिंदगी है सफ़र;
चलो काँधे पे सलीब अपना ले कर.

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...