Friday 29 April 2011

तेरा प्यार


तेरे प्यार का है असर यही, मै खुद ही खुद का रहा नहीं,
अब उधार का हूँ मै ज़ी रहा, मेरी जिन्दगी मेरी ना रही

एहसास है तुम दूर हो, मै अकेला हूँ है पता मुझे,
एहसान है इन हवाओं का एक सदा सी तेरी है ला रही

मै अन्धेरों मे हूँ तुम्हे ढूँढता, तेरी रोशनी कि तलाश है,
मै यादों का शुकरग़ुजार हूँ, एक चिराग है जो जला रही

तू मुझको अब यूँ याद है कि खुद को भूला मै यहाँ,
जो तुझको यूँ मै ज़ी लिया, तो जीने की चाहत ना रही

Tuesday 26 April 2011

प्रतीक्षा


घर की बिखरी हुई वस्तुएं
मै समेटना चाहता हूँ जिन्हें,
की वो अपने पूर्ण सौंदर्य में हों
मेरे हृदय अंतस्थल पर बिखरी हुई ,
उसके साथ बिताये पल की यादें
मैं संजोना चाहता हूँ जिन्हें,
कि मैं उस पल को पूरी तरह जी सकूँ
उसके आने का दिन !
मैंने सहेजा है घर में बिखरी वस्तुएं
इस एहसास के साथ कि उसके आने से ,
फिर से जीवन होंगे उसके साथ बिताये पल के अनुभव
मैं संजो लूँगा उसके साथ बिताये पल को
आह! ये इंतज़ार बरसों का लगता है
अब बस वो जाए !

Sunday 24 April 2011

तेरे जाने के बाद


हो तेरा साथ! है ये एहसास, तेरे जाने के बाद,
जिन्दगी मेरी होती है उदास, तेरे जाने के बाद
मौसमो का रंग भी तो अछ्छा लगे,
जिन्दगी बदरंग यूँ होती है, तेरे जाने के बाद

जिंदगी यूँ भी है हौसलों का सफ़र,
की मै इंतज़ार करू मौत के भी आने के बाद
और महसूस कर सकूँ मै पास ही तुझको,
य़ू मुझसे तेरे दूर भी चले जाने के बाद

मै जी रहा हूँ फ़िरसे मिलने कि उम्मीद मे अब,
जिन्दगी फ़िर से मिले तुझसे मिलने के बाद
एक पल का लगे है, ये बरसो का सफ़र,
बरसो एक पल मे जी लूँ तुझसे मिलने के बाद

अब अँधेरो का सफ़र खत्म हुआ लगता है,
रोशनी दूर से मिलि तेरी एक नज़र के बाद
देरअब तो यूँ करो भी तुम,
की नज़र हो जिन्दगी तेरी एक नज़र के बाद

Friday 22 April 2011

आँखे


तेरी आँखे , मेरी आँखे , सबकी आँखे सूनी है,

किसी का आँचल मिल जाए तो रातें जग जग रोनी है ।
एक अकेला मैं ही नहीं, हैं जाने कितने और यहाँ,

कुछ गम के, कुछ ख़ुशी के आंसू जिनकी आँखे रोनी हैं।


Sunday 17 April 2011

तुम आ जाओ !


मुझको, लोग जो कहने लगे है पागल,
तुम जाओ तो सब पहले जैसा हो जाए

मेरे अश्क भी अब सूख गये लगते है,
तुम जाओ तो आँखों में नमीं हो जाए

मैने इतने दिनों दिल को भुलावा है दिया,
तुम जाओ तो हर झूठ सच हो जाए

मैं अंधेरो में तलाशता रहा मुकद्दर को,
तुम जाओ तो रौशनी सी हो जाए



Saturday 16 April 2011

मै जानता हूँ


अपने होठो को दबाना जानता हूँ,
बात को दिल मे छुपाना जानता हूँ ।
वो समझते हैं कि अनजान हूँ मै,
अनजान हूँ, मै ये जताना जानता हूँ ।

बेवफ़ाई की हदें मालूम हैं पर,
मैं वफ़ा को ही निभाना जानता हूँ ।
डरता नही महफ़िल मे लेने से नाम,
बस बदनामी से बचाना जानता हूँ

ऐसा नही रोया नही रातों को जगकर,
मैं तकिये में आँसू छुपाना जानता हूँ ।
मुस्कुराने की नहीं आदत है हमको,
मुस्कुरा के ग़म छुपना जानता हूँ ।

Friday 15 April 2011

दर्द


अपने दिल का हर दर्द बड़ा होता है;
दूसरे का हो, तो पराया होता है
कहते हैं, कोई कन्धा नहीं है रोने को;
क्या हमने भी साथ निभाया होता है

इश्क

अब मैं इश्क करता हूँ ज़र्रे ज़र्रे से;
हर जगह मुझको वही दिखता है
मैं तो फिर भी भूल जाता हूँ ;
पर वो मुझको याद रखता है
"I believe in my self because I believe in god, I believe in god because I believe in my self.

(मेरा मुझमे कुछ नाहि, जो होवत सो तोर)

मुझको गैर समझते रहना


मुझको तुम गैर समझते हो, समझते रहना;
तुमसे एक रिश्ता तो समझ में आएगा
तुम अगर कुछ भी नहीं समझोगे;
तो फिर क्या, खाक जीने में मजा आएगा

प्यास


उनकी आँखे तो एक समंदर है,
पर कितने मौसम की प्यास बैठी है
अपने सागर से मिलने को ,
कितनी ही नदियाँ उदास बैठी है

Thursday 14 April 2011

एहसास


मुझे पता न था, कि हम इतने सताये होगे;
कल जो अपने थे, वही लोग पराये होगे।
जिन्दगी सिखा ही देती है, जीने का अदब;
क्या पता हमने, कितने गम-खाये होगे।

Wednesday 13 April 2011

तन्हा


इतनी भीड मे भी तन्हा हू मै,
देख तेरे बगैर कितना तन्हा हू मै.
अब तो ये जानना भी मुश्किल है,
मै हू यहाँ, पर कहाँ हू मै.

Monday 11 April 2011

मुक्तक

कितनी ही बातें तुझसे छुपा के बैठा हूँ,
एक नज़र तुझसे चुराके बैठा हूँ,
देखना तुझको मयस्सर होता है जमाने के बाद,
फिर भी तुझमें ही दिल लगाके बैठा हूँ।

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...