मुझको, लोग जो कहने लगे है पागल,
तुम आ जाओ तो सब पहले जैसा हो जाए।
मेरे अश्क भी अब सूख गये लगते है,
तुम आ जाओ तो आँखों में नमीं हो जाए ।
मैने इतने दिनों दिल को भुलावा है दिया,
तुम आ जाओ तो हर झूठ सच हो जाए।
मैं अंधेरो में तलाशता रहा मुकद्दर को,
तुम आ जाओ तो रौशनी सी हो जाए।
तुम आ जाओ तो सब पहले जैसा हो जाए।
मेरे अश्क भी अब सूख गये लगते है,
तुम आ जाओ तो आँखों में नमीं हो जाए ।
मैने इतने दिनों दिल को भुलावा है दिया,
तुम आ जाओ तो हर झूठ सच हो जाए।
मैं अंधेरो में तलाशता रहा मुकद्दर को,
तुम आ जाओ तो रौशनी सी हो जाए।
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteइन्तजार का फल मीठा होता है।
इंतजार ही है.
ReplyDeleteबहुत पसंद आया आपका यह ब्लॉग !! मेरी तरफ से २ पंक्तियां हें.....!!!
ReplyDeleteप्यार थोडा सा भी मिल जाय तो सम्भाल के रखना,
क्यूंकि प्यार अनमोल है इसका कोई दाम नहीं होता !
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
ReplyDeleteफुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |
ReplyDeletewha kyaa baat hai
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