सारे भाषाविद
झूठे लगते है
देश और भाषा की राजनीति के मोहरे
गढ़ते है 'मातृभाषा' की परिभाषाये
जो अलग नहीं हो सकती
क्यों कि वह देश काल से परे
प्राकृति कि एक निशब्द भाषा है
क्यों कि
वह किसी भी
माँ द्वारा कहे
पहले अनकहे बोल है
वह भाषा
प्रेम के पहले अनकहे शब्द है
एक माँ की भाषा, 'मातृभाषा'
झूठे लगते है
देश और भाषा की राजनीति के मोहरे
गढ़ते है 'मातृभाषा' की परिभाषाये
जो अलग नहीं हो सकती
क्यों कि वह देश काल से परे
प्राकृति कि एक निशब्द भाषा है
क्यों कि
वह किसी भी
माँ द्वारा कहे
पहले अनकहे बोल है
वह भाषा
प्रेम के पहले अनकहे शब्द है
एक माँ की भाषा, 'मातृभाषा'
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