ख्वाब अक्सर ही टूट के बिखर जाते हैं;
दिल को हम दर्द के फूलों से ही सजाते हैं।
रास्ता ग़म को भुलाने का है नहीं कोई;
अश्कों के जाम से हम ये ख़ुशी मनाते हैं।
मेरी आँखों का ये पैमाना छलक जाता है;
रात भर आँखों में यूँ अश्क आते जाते हैं।
तुम नहीं होते हो तो तुम्हारी याद सही;
हमसफ़र बनकर मेरा साथ जो निभाते हैं।
दिल को हम दर्द के फूलों से ही सजाते हैं।
रास्ता ग़म को भुलाने का है नहीं कोई;
अश्कों के जाम से हम ये ख़ुशी मनाते हैं।
मेरी आँखों का ये पैमाना छलक जाता है;
रात भर आँखों में यूँ अश्क आते जाते हैं।
तुम नहीं होते हो तो तुम्हारी याद सही;
हमसफ़र बनकर मेरा साथ जो निभाते हैं।
ख्वाब अक्सर ही टूट के बिखर जाते हैं;
ReplyDeleteदिल को हम दर्द के फूलों से ही सजाते हैं।
ओह! क्या बात कही है और बेहतरीन बिम्ब प्रयोग्…………बहुत सुन्दर रचना दिल को छू गयी।