एनहू के लागी ओनहू के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
देवरो के लागी जेठओ के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
ससुरो के लागी ससुयो के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
जवनको के लागी बुढाओ के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
चाहे केहू हाँसे चाहे केहु रोए;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
डेराइब नाही लजाइब नाही;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
चढ़ल बा फगुआ के बोखार हो सजनी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.
क्या बात हैं आपकी कविता की और फगुआ की!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सर!!!
Deleteभागी रे सरकार भागी धर पाँव सिर ऊपर |
ReplyDeleteभागे भागे भूत के भाग लंगोटी धर ||
नीतू जी आपका आभार!!!
Deleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद पधारें हैं आप.
Deleteबहुत बहुत आभार!!!
चर्चा मंच पर जगह देने और ज्यादे लोगों तक फाग के इस रंग को पहुँचाने के लिए शुक्रिया!!!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteहमको भी लागी और तुमको भी लागी ,लगन मोरे संजनवा कब से है लागी .
ReplyDeleteबहुत सुंदर ....... आभार!!!
Deleteबहुत बढ़िया भोजपुरीया छाप #
ReplyDelete