वो कहते हैं
ग़रीबी कम हुई है
जानते हो कहाँ कम हुई है
बस आकड़ों में कम हुई है
क्यों कि उन्होंने तय कर दिया है
कि एक दिन में २६ रुपये या ज़्यादे कमाने वाला ग़रीब नहीं है
मैं चाहता हूं
मैं उनकी जेब में २६ रुपये रख कर सड़क पर छोड़ दूं
और वो तय करें की उन्हे दिन कैसे गुज़रना है
मैं भी देखना चाहता हूं
कि लाखों की गाड़ी मे चलने वाले
करोड़ों अरबों रुपये गबन करने वाले
इस बढ़ती हुई महगाई में, २६ रुपये में कैसे दिन कटते हैं, और
ग़रीबी कम हुई है
जानते हो कहाँ कम हुई है
बस आकड़ों में कम हुई है
क्यों कि उन्होंने तय कर दिया है
कि एक दिन में २६ रुपये या ज़्यादे कमाने वाला ग़रीब नहीं है
मैं चाहता हूं
मैं उनकी जेब में २६ रुपये रख कर सड़क पर छोड़ दूं
और वो तय करें की उन्हे दिन कैसे गुज़रना है
मैं भी देखना चाहता हूं
कि लाखों की गाड़ी मे चलने वाले
करोड़ों अरबों रुपये गबन करने वाले
इस बढ़ती हुई महगाई में, २६ रुपये में कैसे दिन कटते हैं, और
किस तरह तय करते हैं, ३०% आम जनता के दिन का खर्च
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteविजय दशमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
आभार!!!
Deleteआपको भी विजयादशमी की शुभकामनाएं.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
♥(¯*•๑۩۞۩~*~विजयदशमी (दशहरा) की हार्दिक शुभकामनाएँ!~*~۩۞۩๑•*¯)♥
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
आभार !!!
Deleteआपको भी विजयादशमी की शुभकामनाएं.
आभार !!!
ReplyDeleteबहुत खूब दोस्त !जाके पैर न फटी बिवाई ,वो क्या जाने पीर पराई .
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