Friday 26 January 2018

राम

अगर कोई विकास से लेकर राष्ट्रवाद तक के
इस दस मुख वाले रावण का अंत कर दे 
तो मैं माँ लूँगा की राम हैं 

अगर कोई अर्जुन की तरह 
संशय में पड़ी जनता का संशय ख़त्म कर दे 
तो मैं माँ लूँगा की वो कृष्ण है 

अगर को भय की शिला पर 
बैठे हुए बाज़ारवाद से मुक्त कर दे 
तो मैं जान जाऊँगा की बुद्ध आ गए 

अगर कोई प्रेम और सद्भाव 
को सब के मन में स्थापित कर दे 
तो मैं जाऊँगा की मैं मसीह से मिला 

अगर कोई इस बाज़ारवादी 
रेगिस्तान में जीने का तरीक़ा पैदा कर दे 
तो समझ लेना वो पैग़म्बर से ज्यादे गुणवान है

1 comment:

  1. दीपोत्सव की अनंत मंगलकामनाएं !!

    ReplyDelete

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...