मैं ने हाथ बढ़ा कर
छूना चाहा पारस को
की भर दे अपनी कुछ चमक
वो कहता है, 'थैंक यू '
और मैं कई कदम पीछे धकेला जाता हूँ
और कुछ टूटता है
शब्द प्रहार करते है
एक गहरे आघात के साथ
बिना आवाज़ किये
छूना चाहा पारस को
की भर दे अपनी कुछ चमक
वो कहता है, 'थैंक यू '
और मैं कई कदम पीछे धकेला जाता हूँ
और कुछ टूटता है
शब्द प्रहार करते है
एक गहरे आघात के साथ
बिना आवाज़ किये
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