ज़िन्दगी एक सफ़र होता है;
सबकी बातों का असर होता है।
प्यार के लफ़्ज़ कह कर देखो;
दिल को सुकून-ए-नज़र होता है।
तुम ठहर लो कहीं भी लेकिन;
घर तो आख़िर घर ही होता है।
टूटता है दिल तो दर्द बहुत होता है;
कोई जान कर भी बेख़बर ही होता है।
हम ने देखे, अपने, पराये भी;
मौत आये तो कौन किधर होता है।
लोग मिलने तो आया करेंगे लेकिन;
जाने दिल कौन सा रंग लिये होता है।
तुम 'मुसाफ़िर' हो तुम नहीं रूकना;
मौत से पहले ख़त्म सफ़र कहाँ होता है।
सबकी बातों का असर होता है।
प्यार के लफ़्ज़ कह कर देखो;
दिल को सुकून-ए-नज़र होता है।
तुम ठहर लो कहीं भी लेकिन;
घर तो आख़िर घर ही होता है।
टूटता है दिल तो दर्द बहुत होता है;
कोई जान कर भी बेख़बर ही होता है।
हम ने देखे, अपने, पराये भी;
मौत आये तो कौन किधर होता है।
लोग मिलने तो आया करेंगे लेकिन;
जाने दिल कौन सा रंग लिये होता है।
तुम 'मुसाफ़िर' हो तुम नहीं रूकना;
मौत से पहले ख़त्म सफ़र कहाँ होता है।
No comments:
Post a Comment