मोरे रंगरेजवा
तोरे बिना होली बेकार रे!
गूलर जइसन लाल,
कनेरवा जइसन पीयर,
कई दे मनवा हरियर पीयर,
तोरे बिन सब रंगवा भईल बेकार!
मोरे रंगरेजवा
तोरे बिना होली बेकार रे!
तन तो रंगाई,
मोरा मन न रंगाई,
मन के रंगाए बिना,
सब बेकार रे!
मोरे रंगरेजवा
तोरे बिना होली बेकार रे!
नील ई आकाशवा,
हरियर धरतिया,
तोहरे ही रंग मे गईल सब रंगाई रे!
मोरे रंगरेजवा
तोरे बिना होली बेकार रे!
सांवर भय तो जाईसे किशन के लेखिन,
मन रंग दे कि जैसे उजियार रे!
मोरे रंगरेजवा
तोरे बिना होली बेकार रे!
अच्छा काम बोलता है | हमें कल के लिए करना है ताकि बच्चे यह न कह सके कि क्यों नहीं बनवाई डामर की पक्की सड़क |
ReplyDeleteप्रणाम !!!
Deleteउम्मीद है, हम और अच्छा करें, ताकि शिर उठा कर कहें कि हम हिन्द से हैं और हमें हिन्द पर नाज है!!!
होली की महिमा न्यारी
ReplyDeleteसब पर की है रंगदारी
खट्टे मीठे रिश्तों में
मारी रंग भरी पिचकारी
ब्लोगरों की महिमा न्यारी …………होली की शुभकामनायें
आभार!!!
Deleteहोली की शुभकामनाएं|
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,होली की हार्दिक शुभकामनाये.
ReplyDeleteहोली प्रेम प्रतीक है, भावों का है मेल
इसे समझिये न कभी, रंगों का बस खेल
आभार!!!
Deleteहोली की शुभकामनाएं|
मोरे रंगरेजवा
ReplyDeleteतोरे बिना होली बेकार रे!
क्या बात है ऐसी रचना आप ही कर सकते हैं ...
बेल्लेरोसे न्यू यॉर्क यही दिखा रहा की आप हमारी ब्लॉग पर आये हैं|
Deleteबहुत बहुत आभार!!!
ई रंगरेजवा है कौन -भाग गया है इंगलिस्तान का ?
ReplyDeleteहमहू खोजत रहली मिलल नहीं!!!
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