Monday 21 January 2013

झूठ का कद यूँ जो बढ़ता जायेगा


झूठ का कद यूँ जो बढ़ता जायेगा;
सच बेचारा तो छला ही जायेगा.

पूंछते हो तुम मुक़द्दर मेरे देश का;
राम जाने किस तरफ को जायेगा.

और ले लिया जो नाम मैने राम का;
सांप्रदायिक कहा मुझको जायेगा.

टिकी हैं लाशों पर जिनकी गद्दियाँ;
मंत्री मुख्य प्रधान कहा जायेगा.

देश का दुर्भाग्य फिर ये देखिये;
कातिल कोई नेता भी बन जायेगा.

7 comments:

  1. ये फेस बुक पर भी थी मैंने टिपण्णी वहां भी की थी

    ReplyDelete
  2. a Sharma जितने हरामखोर थे कुर्बो -जवार में
    परधान बनके आ गए अगली कतार में

    दीवार फांदने में यूँ जिनका रिकार्ड था
    वो चौधरी बने हैं उमर के उतार में
    5 hours ago · Like

    ReplyDelete
  3. जितने हरामखोर थे कुर्बो -जवार में
    परधान बनके आ गए अगली कतार में

    दीवार फांदने में यूँ जिनका रिकार्ड था
    वो चौधरी बने हैं उमर के उतार में

    फौरन खजूर छाप के परवान चढ़ गई
    जो भी जमीन खाली पड़ी थी कछार में

    बंजर ज़मीन पट्टे में जो दे रहे हैं आप
    ये रोटी का टुकड़ा है मियादी बुखार में

    जब दस मिनट की पूजा में घंटों गुजार दें
    समझो कोई ग़रीब फँसा है शिकार में

    ReplyDelete
  4. आपकी रचना भी इसी कद काठी की है जान

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार!!! ........... परन्तु अभी इस लायक नहीं हूँ की आप आदम साहब के पास खड़ा करें ............ अभी तो बस उनके रहगुजर की धुल काफी है|

      Delete

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...