Thursday, 16 May 2019

रे साधो सध जाना

रे साधो सध जाना,
प्रेम, प्रीति के बंधन में
बँध जाना, सध जाना

प्रेम भए जग उपजे
ध्यान धरे जग छूटे
ध्यान धरे प्रेम जो होवे
जग में जग छूटे
साधो सध जाना

तन के माटी, मन के फेरे
लगे जगत के फेरे
ध्यान प्रेम से टूटे बंधन
टूटे जगत के फेरे
साधो सध जाना
© Gyanendra

Monday, 13 May 2019

मुझे बता देना

तुम्हें कहीं अगर मिल जाऊँ मैं,
तो मुझे बता देना।

रात के किसी उजियारे में,
दिन के किसी अँधियारे में,
तुम्हें कहीं अगर मिल जाऊँ मैं,
तो मुझे बता देना।

पर्वत झील पहाड़ नदी या,
जीवन के भीतर गलियारे में,
तुम्हें कहीं अगर मिल जाऊँ मैं,
तो मुझे बता देना।

और कहीं जो ठहर सके तुम,
गहरे भीतर मन के द्वारे,
तुम्हें कहीं अगर मिल जाऊँ मैं,
तो मुझे बता देना।

© Gyanendra

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...