ओ साधु रे ........
ओ साधु रे ........
साधु नाम पाया, लेकिन जिया कहाँ रे.
रे साधु जिया कहाँ रे.
साधु मन पाया, लेकिन बचा कहाँ रे.
रे साधु बचा कहाँ रे.
जले तन तपे मन तो साधु बना रे.
हाँ साधु बना रे.
दुनिया के फेरे में फिर जाने कहाँ रे.
साधु जाने कहाँ रे.
मन फेरा साधु तो तूँ बचा कहाँ रे.
साधु बचा कहाँ रे.
फिर से जी ले जीवन ज़रा ओ प्यारे.
साधु हो जा रे.
तन से न बन, बन मन से साधु रे.
ओ साधु रे ....
ओ साधु रे ....
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