तुम सुगंध हो मेरी
मैं पवन हूँ तेरा
मिल तू जाए अगर
तो ये जीवन मेरा ।
चाँद को चाहिए
चाँदनी, और क्या
तू नहीं है तो फिर
क्या ये जीवन मेरा ।
है मेरे जो नयन
अश्रु पूरित यहाँ
मन में मेरे जो है
बस वो चेहरा तेरा ।
शाम की रोशनी
मुझको अच्छी लगे
पास तू है नहीं
न सुबह का उजाला तेरा ।
आश दिल में मगर
है एक बाकी अभी
वो बन के आये
सुबह का उजाला मेरा ।
मैं पवन हूँ तेरा
मिल तू जाए अगर
तो ये जीवन मेरा ।
चाँद को चाहिए
चाँदनी, और क्या
तू नहीं है तो फिर
क्या ये जीवन मेरा ।
है मेरे जो नयन
अश्रु पूरित यहाँ
मन में मेरे जो है
बस वो चेहरा तेरा ।
शाम की रोशनी
मुझको अच्छी लगे
पास तू है नहीं
न सुबह का उजाला तेरा ।
आश दिल में मगर
है एक बाकी अभी
वो बन के आये
सुबह का उजाला मेरा ।
बहुत अच्छी रचना है, ज्ञानेंद्र जी .....
ReplyDelete"आश दिल में है मगर .....
आगे भी चलते रहे कविताओं का यह सफर....."
बहुत बढ़िया.आपकी मनोकामना पूर्ण हो.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
ReplyDeletebahu sunder bhavabhivyakti.........sunder ahsaso se sajaya hai aapne...aabhar
ReplyDeleteVery sweet creation...
ReplyDeleteभावों की अच्छी अभिव्यक्ति , सुंदर प्रेममयी रचना बधाई
ReplyDeleteभीनी भीनी ...सुगंध प्यार की...बहुत खूब
ReplyDelete--
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteBeautiful composition
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