प्यार का एक नूरानी असर माँ के चेहरे पर झुर्रियों में लिखी आयतों में पढ़ने की कोशिश करता हूँ,
और माँ को हर एेसे ख़ूबसूरत चेहरे के पीछे छुपे ख़ूबसूरत दिल से, आँखो से झाँकते हुए देखता हूँ,
और देखता हूँ, आँखो के कोरों पर ठहरी हर दिन प्यार की रोशनी में, ओस को चमकते हुए
कुछ पिताओं के चेहरे भी माँ की तरह ख़ूबसूरत हो जाते है,
शर्त बस ये है कि वो अपने बाप होने के अहंकार से बाहर निकल आये
प्रेम वहाँ भी अपना डेरा डाले रहता है, बस अहंकार पर्दे की मानिद ढ़क लेता है,
सब कुछ माँये उससे कब का पीछा छुड़ा लेती है
और माँ को हर एेसे ख़ूबसूरत चेहरे के पीछे छुपे ख़ूबसूरत दिल से, आँखो से झाँकते हुए देखता हूँ,
और देखता हूँ, आँखो के कोरों पर ठहरी हर दिन प्यार की रोशनी में, ओस को चमकते हुए
कुछ पिताओं के चेहरे भी माँ की तरह ख़ूबसूरत हो जाते है,
शर्त बस ये है कि वो अपने बाप होने के अहंकार से बाहर निकल आये
प्रेम वहाँ भी अपना डेरा डाले रहता है, बस अहंकार पर्दे की मानिद ढ़क लेता है,
सब कुछ माँये उससे कब का पीछा छुड़ा लेती है