पास आ कातिल मेरे मुझमें जान आने दे,
जान ले लेना पर थोडा तो संभल जाने दे।
तू तसव्वुर में मेरे रहा है बरसों से,
खुद को नजरों से सीने में उतर जाने दे।
कुछ ठहर जा कि छुपा लूँ मैं दर्द सीने का,
या तेरे सीने से लिपट कर बिफर जाने दे।
तुझको पाना नहीं है मेरी मंजिल,
तू जरा खुद में मुझको समां जाने दे।
अब गुजारिश है 'मुसाफिर' की खुदा से,
वो मुझे मेरे खुदा से ही मिल जाने दे।
जान ले लेना पर थोडा तो संभल जाने दे।
तू तसव्वुर में मेरे रहा है बरसों से,
खुद को नजरों से सीने में उतर जाने दे।
कुछ ठहर जा कि छुपा लूँ मैं दर्द सीने का,
या तेरे सीने से लिपट कर बिफर जाने दे।
तुझको पाना नहीं है मेरी मंजिल,
तू जरा खुद में मुझको समां जाने दे।
अब गुजारिश है 'मुसाफिर' की खुदा से,
वो मुझे मेरे खुदा से ही मिल जाने दे।