कितने सारे दर्द हैं
जिनको जीता हूँ
दुनिया कहती है
मैं बड़ा हो गया हूँ
खुश होता हूँ मैं
जब बच्चा होता हूँ
माँ फिर से अपना आँचल कर दो
माँ मुझ को फिर से बच्चा कर दो
बहुत सुंदर भावनायें .बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें. आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये. http://madan-saxena.blogspot.in/ http://mmsaxena.blogspot.in/ http://madanmohansaxena.blogspot.in/ http://mmsaxena69.blogspot.in/
जी आपका बहुत बहुत आभार!!! दर असल मैं बहुत ज्यादे समाय ब्लॉगिंग को नहीं दे पता हूँ| इसी लिए बहुत ब्लोग्स को चाहते हुए भी विजिट नहीं कर पाता| फल स्वरुप मेरे भी ब्लॉग पर आने वाले लोगों की शंख्या कम है| परन्तु और कोई उपाय नहीं है|
जब दुनिया ने किया किनारा।
ReplyDeleteतब माँ मैंने तुम्हें पुकारा।।
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आपकी इस पोस्ट का लिंक आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी है!
बहुत बहुत आभार!!!
Deleteहर शब्द की अपनी एक पहचान बहुत खूब क्या खूब लिखा है आपने आभार
ReplyDeleteये कैसी मोहब्बत है
आभार मित्र!!!
Delete
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें .बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.
आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
http://mmsaxena69.blogspot.in/
जी आपका बहुत बहुत आभार!!!
Deleteदर असल मैं बहुत ज्यादे समाय ब्लॉगिंग को नहीं दे पता हूँ| इसी लिए बहुत ब्लोग्स को चाहते हुए भी विजिट नहीं कर पाता|
फल स्वरुप मेरे भी ब्लॉग पर आने वाले लोगों की शंख्या कम है|
परन्तु और कोई उपाय नहीं है|
यशवंत जी बहुत बहुत आभार!!!
ReplyDeleteखूबसूरत शब्द.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार निहार रंजन जी !!!
Deleteसुन्दर भावना!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शालिनी जी !!!
Deleteसहृदय आभार ओंकार जी !!!
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