पथ का राही
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Monday, 10 May 2021
जीवन सफ़र
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सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र रास्तों के काँटे अपने अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...
Wednesday, 24 March 2021
है दर्द-ए-दिल ज़ब्त मेरे दिल में जार-जार
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है दर्द-ए-दिल ज़ब्त मेरे दिल में जार-जार, धरती बँटी और बन गयी जैसे की एक दयार। मैं देखूँ तुम्हें पहले पहल की चाहने के बाद, चाँद को उतरना ह...
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Friday, 12 March 2021
मुस्कान
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चेहरे की मुस्कान जैसे उम्र को कम कर देती है फिर वो तुम्हारे चेहरे पर हो या मेरे हाँ, पर झूठी और फीकी न हो हो तो उतना ही प्राकृतिक जैसे फूलों...
Friday, 8 January 2021
सफ़र में समान अधिक जो था उसे हटा रहा हूँ।
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वो मुझ से मेरे होने का सबब पूछता है, मैं उस को ज़िंदगी के मायने समझा रहा हूँ। वो मुझसे उलझ गया है कई सवालों पर, मैं, प्यार का उस को इक एहसा...
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Tuesday, 29 September 2020
तुम्हारा प्रेम
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तुम्हारा प्रेम, अगर निश्छल और निस्पृह नहीं है, तो सचेत होकर गौर से देखना, वो किसी और के पहले तुम्हें बांध रहा होगा। तुम्हारा प्रेम, अगर ...
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Thursday, 30 July 2020
ओ मेरे रफ़ूगर
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(१) ओ मेरे रफ़ूगर, अगर हो सके तो, सिल भी दे ये चाक-ए-जिगर। ऐ मेरे हक़ीम, है सब कुछ बेअसर, कुछ तो मर्ज़ की दवा कर। ओ हमसफ़र, मंज़ि...
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Friday, 17 July 2020
कवि १/२
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(१) लोक जन की बात न कह पाने वाला ज़मीन पर लड़ाई न लड़ पाने वाला कवि उस सुनहरी मोटी जिल्द वाली किताब की तरह होता है जिस का अंत किताबों क...
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