Wednesday, 27 February 2013

फगुआ में रंग सबहु के लागी

एनहू के लागी ओनहू के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

देवरो के लागी जेठओ के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

ससुरो के लागी ससुयो के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

जवनको के लागी बुढाओ के लागी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

चाहे केहू हाँसे चाहे केहु रोए;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

डेराइब नाही लजाइब नाही;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

चढ़ल बा फगुआ के बोखार हो सजनी;
फगुआ में रंग सबहु के लागी.

10 comments:

  1. क्या बात हैं आपकी कविता की और फगुआ की!

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    1. बहुत बहुत आभार सर!!!

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  2. भागी रे सरकार भागी धर पाँव सिर ऊपर |
    भागे भागे भूत के भाग लंगोटी धर ||

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    1. नीतू जी आपका आभार!!!

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  3. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।

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    1. बहुत दिनों बाद पधारें हैं आप.
      बहुत बहुत आभार!!!
      चर्चा मंच पर जगह देने और ज्यादे लोगों तक फाग के इस रंग को पहुँचाने के लिए शुक्रिया!!!

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  4. हमको भी लागी और तुमको भी लागी ,लगन मोरे संजनवा कब से है लागी .

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    1. बहुत सुंदर ....... आभार!!!

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  5. बहुत बढ़िया भोजपुरीया छाप #

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