आए बसंत भर जाये फूलों से झोली;
ऐसे मे खेले ये मन प्रकृति भी होली.
आसमान में बादल की रंग बिरंगी टोली;
जो इठला- इठला के करें हँसी ठिठोली.
पिया रंग में रंगी जो चुनर ये ओढ़ ली;
अब तो बस खेलूँ मैं पिया रंग की होली.
पिया को कैसे कह दे, मधुर हो होली;
जब तक मन से मैं न पिया की हो ली.
आपको भी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteHAPPY HOLI.
ReplyDeleteआपको भी होली की शुभकामनाएँ.
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