Thursday, 25 December 2014

ठहराव














माँ का गर्भ
सुंदर जीवात्मा
मानव शरीर


दृष्टि ठहरी
दुनिया देखने
और पहचानने की


ठहरे और
ठिठके कदम
डग भरने को


हृदय प्रेम
ठहराव साँसों का
प्रेम अनुभूति


प्रथम कदम
वाषना प्रधान
ठहराव शरीर


गहन अनुभूति
प्रेम की उचईयाँ
ठहराव प्रेम


जीवन ठहराव
संगीत नृत्य प्रेम
परमात्मा


आत्मा परमात्मा
एक ही ठाँव
एक में ठहराव


साँसें उखड़ती
मृत्यु सजग
नयी यात्रा का पड़ाव

ठहराव

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...