नाई की दुकान पर पहुँचा ही था,
कि नई उम्र के लड़के ने तपाक से बोला,"बैठिए".
उम्र दराज चचा बैठे शांत.
इंतज़ार, हम उम्र ग्राहकों का.
जो उनके साथ बातें करते हैं,
चाय पीते हैं, और हजामत बनवाते है.
पर क्या हो अगर, उम्र दराज ग्राहकों का नज़रिया भी बदल जाए.
उन्हे भी नये लड़के से बाल कटवाना पसंद आए.
बेशक ग्राहक सेवा प्रदाता का चेहरा भी खाता है सिर्फ बाल कटवाने नहीं जाता है .
ReplyDeleteजी बिलकुल
Deleteबढ़िया है |
ReplyDeleteआभार सुन्दर -
प्रस्तुति के लिए ||
आपका सहृदय आभार!!!
ReplyDeleteप्रणाम स्वीकार करें.
ग्यानेंद्र भाई !जैसे ही पोस्ट करके हटा देखा नेट महोदय रफूचक्कर .ऐसे गए जैसे गधे के सर से सींग .अब रात नौ बजे लौटें हैं .आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया .
ReplyDeleteआदाब .
वीरुभाई .
वैसे वहां सब बोलते हैं...
ReplyDeleteजी ऐसा भी हो सकता है!!!
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