छोटी-छोटी और भा से ओत्प्रोत कविताए पसन्द आई.मुसाफिर का यह कविता का सफर अनवरत जारी रहे.
बस आपका आशिर्वाद साथ रहे, सब थीक रहेगा
बढ़िया मुक्तक है।लिखते-लिखते निखार आता जाएगा!
छोटी-छोटी और भा से ओत्प्रोत कविताए पसन्द आई.
ReplyDeleteमुसाफिर का यह कविता का सफर अनवरत जारी रहे.
बस आपका आशिर्वाद साथ रहे, सब थीक रहेगा
ReplyDeleteबढ़िया मुक्तक है।
ReplyDeleteलिखते-लिखते निखार आता जाएगा!