tag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post8664554606165682441..comments2023-07-30T08:33:20.080-07:00Comments on पथ का राही: तुम्हारी कविता के शब्द,दलाल के शब्द जान पड़ते हैmusafirhttp://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post-34224728900136492152015-10-10T04:05:25.398-07:002015-10-10T04:05:25.398-07:00प्रणाम स्वीकार करें !!!प्रणाम स्वीकार करें !!!musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post-8826332833992096632015-10-09T21:52:46.047-07:002015-10-09T21:52:46.047-07:00आज का कवि शब्दों की दलाली में अधिक विश्वास करता है...आज का कवि शब्दों की दलाली में अधिक विश्वास करता है .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post-89534624458630742572015-10-09T10:28:21.625-07:002015-10-09T10:28:21.625-07:00आभार !!!आभार !!!musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post-34755475302167013922015-10-09T03:41:50.579-07:002015-10-09T03:41:50.579-07:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-10-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "चिड़ियों की कारागार में पड़े हुए हैं बाज" (चर्चा अंक-2125) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post-25851981784995517742015-10-08T19:51:46.452-07:002015-10-08T19:51:46.452-07:00सप्रेम आभार !!!सप्रेम आभार !!!musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7220162806624959095.post-38307105948974356632015-10-08T18:30:36.276-07:002015-10-08T18:30:36.276-07:00सच कहता हूँ ....ये एक बेहद बेहद ( एक और बार बेहद ...सच कहता हूँ ....ये एक बेहद बेहद ( एक और बार बेहद ) अच्छी कविता है ज्ञानेंद्र जी ! बधाई ....बस ऐसे ही लिखते रहिये !deonath dwivedihttps://www.blogger.com/profile/09497324047404299065noreply@blogger.com