Wednesday 15 August 2012
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जीवन सफ़र
सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र रास्तों के काँटे अपने अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...
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सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र रास्तों के काँटे अपने अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...
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जाने कब कैसे ख्वाबों के पंख मिले; जाने कब कैसे उड़ाने की चाह मिले. जब-जब जीवन से इस पर तकरार हुई है; मुझको जीवन से बदले में आह म...
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कितने सारे दर्द हैं जिनको जीता हूँ दुनिया कहती है मैं बड़ा हो गया हूँ खुश होता हूँ मैं जब बच्चा होता हूँ माँ फिर से अपना आँचल क...
नमस्ते...सुप्रभात...आपका दिन मंगलमय हो...!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
27 अगस्त को लखनऊ में हिन्दी साहित्य परिकल्पना सम्मान सारोह आयोजित हो रहा है। समय 10 बजे से शाम 6 बजे तक।
यह सम्मान 27 अगस्त को राय उमानाथ बली प्रेक्षागृहस कैसरबाग लखनऊ मे आयोजित होगा।
आप भी आइए न!
प्रणाम
ReplyDeleteआभार !!!!!!
राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, लखनऊ में था तो अक्सर जाता था, वहां एक बार लखनऊ महोत्सव काव्य गोष्ठी भी हुआ था. नाटक और कथक का मंचन भी होता रहा है.
तो आप आ रहे हैं ना!
ReplyDeleteमुझे मेल कीजिए!
सहज/सुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteप्रणाम
Deleteआभार !!!!!
आप आदरणीय लोगों का आशीर्वाद और प्रेम साथ है,
ReplyDeleteकवितायेँ मन के गहरे अस्तर से आती रहेंगी.